' কালারে কইরো গো মানা ' - बंगाली गीताचा मराठी अनुवाद
श्री. अम्बरीश भट्टाचार्य (অম্বরীশ ভট্টাচার্য: ऑम्बोरीश भोट्टाचार्जो) द्वारा दिग्दर्शित एका साँग व्हिडिओवर काम करण्याची नुकतीच संधी मिळाली. 'कालारे'
नामक बंगाली लोकगीतावर हा व्हिडिओ चित्रित करण्यात आला आहे. श्री.
भट्टाचार्य यांनीच या गोड गीतावर नव्या, सुरेख संगीत संयोजनेचा साज चढवला आहे. (सबटायटल्ससाठी) मूळ गीताचा हिंदी व मराठीत अनुवाद करणं हे माझं काम होतं.
मराठी अनुवादाला विसाव्या शतकारंभीच्या कृष्ण-गीतांची डूब असावी अशी कल्पना होती डोक्यात. हे पहा मूळ गीत अन् त्याखाली माझा अनुवाद:
কালারে
কালারে কইরো গো মানা,
সে যেন আমার কুঞ্জে আসেনা ।।
সে যে কার কুঞ্জেতে পোহায় নিশি,
কার কুঞ্জেতে পোহায় নিশি,
আমায় করে প্রবঞ্চনা -
সে যেন আমার কুঞ্জে আসেনা ।
সখি গো . . .
জ্বালাইয়া মোমের বাতি,
জাইগা রইলাম সারারাতি,
বাসী হইল ফুলের বিছানা ।
আমি মরমে জ্বলিয়া মরি,
মরমে জ্বলিয়া মরি,
নিঠুর শ্যাম কি জানে না -
সে যেন আমার কুঞ্জে আসেনা ।। ১ ।।
সখি গো . . .
প্রেম করা রাখালের সনে,
সে কি প্রেমের মরম জানে
তোমরা কি তার জাইনাও জান না !
সে যে বনে থাকে ধেনু রাখে,
বনে থাকে ধেনু রাখে,
নারীর বেদন জানে না -
সে যেন আমার কুঞ্জে আসেনা ।। ২ ।।
সে যেন আমার কুঞ্জে আসেনা ।।
সে যে কার কুঞ্জেতে পোহায় নিশি,
কার কুঞ্জেতে পোহায় নিশি,
আমায় করে প্রবঞ্চনা -
সে যেন আমার কুঞ্জে আসেনা ।
সখি গো . . .
জ্বালাইয়া মোমের বাতি,
জাইগা রইলাম সারারাতি,
বাসী হইল ফুলের বিছানা ।
আমি মরমে জ্বলিয়া মরি,
মরমে জ্বলিয়া মরি,
নিঠুর শ্যাম কি জানে না -
সে যেন আমার কুঞ্জে আসেনা ।। ১ ।।
সখি গো . . .
প্রেম করা রাখালের সনে,
সে কি প্রেমের মরম জানে
তোমরা কি তার জাইনাও জান না !
সে যে বনে থাকে ধেনু রাখে,
বনে থাকে ধেনু রাখে,
নারীর বেদন জানে না -
সে যেন আমার কুঞ্জে আসেনা ।। ২ ।।
कान्हाची रोखा गं वाट
आज कान्हाची रोखा गं वाट,
त्याने येता नये कुंजात ।।
भलभलत्या वनी, रात जागुनी ;
भलत्या वनी, रात जागुनी
बरा करितो माझ्याशी घात,
त्याने येता नये कुंजात ।
बाई गं...
सांजवातीचे निमाले ओज,
घडीभर डोळा नाही नीज,
गेली सुकून फुलांची शेज ।
झाला घायाळ जीव, उरी विस्तव ;
घायाळ जीव, उरी विस्तव,
आहे दुष्टाला पुरते ज्ञात !
त्याने येता नये कुंजात ।। १।।
बाई बाई गं...
प्रीत लाधली गोपाळासवे,
गूज प्रीतीचे त्यासी न ठावे,
हे का तुम्हां मी सांगाया हवे !
कान्हा रानात जाई, राखतो गाई ;
रानात जाई, राखतो गाई,
परि वामेचे कळे ना आर्त -
त्याने येता नये कुंजात ।। २।।
त्याने येता नये कुंजात ।।
भलभलत्या वनी, रात जागुनी ;
भलत्या वनी, रात जागुनी
बरा करितो माझ्याशी घात,
त्याने येता नये कुंजात ।
बाई गं...
सांजवातीचे निमाले ओज,
घडीभर डोळा नाही नीज,
गेली सुकून फुलांची शेज ।
झाला घायाळ जीव, उरी विस्तव ;
घायाळ जीव, उरी विस्तव,
आहे दुष्टाला पुरते ज्ञात !
त्याने येता नये कुंजात ।। १।।
बाई बाई गं...
प्रीत लाधली गोपाळासवे,
गूज प्रीतीचे त्यासी न ठावे,
हे का तुम्हां मी सांगाया हवे !
कान्हा रानात जाई, राखतो गाई ;
रानात जाई, राखतो गाई,
परि वामेचे कळे ना आर्त -
त्याने येता नये कुंजात ।। २।।
अनुवाद © मुक्ता असनीकर
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