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Showing posts from December, 2020

सुहाना सा कोहरा छाया रहता था उन दिनों

 मूल मराठी काव्य: श्वेता पाटोळे(ले)   सुहाना सा कोहरा छाया रहता था उन दिनों हमारें दरमियाँ | नाम-पता-रंग-ढंग की जब कोई संभावना न थी... आपस में पाए चंद निशानों से लिपटा कोहरा | उम्मीदभरा, दिलचस्प, गुलाबी, गहरा, बेकरार-सा, दिलकश... 'मेरेपन'की, 'तुम्हारेपन'की  सारीं परिधिओं को समा लेने वाला; जाने पहचाने से भुलावों में ला कर हठात् अनजान बन जाने वाला; कुछ कुछ समझा सा लगने पर उलझने-उलझाने वाला | अज्ञात के साथ चलते  चल रही खुद की तलाश | नए सिरे से हो रहा खुद का परिचय | शायद तुम मौजूद थे उस तलाश में या एहसास था बस, तुम्हारे मौजूदगी का | तुमने भी नए सिरे से पाया खुद को, शायद, मेरे मौजूदगी के एहसास में |   फिर न जाने कब, किस पल से तुम्हारा परिचय खुद के परिचय से ज्यादा ज़रूरी हो बैठा..? क्यों सब कुछ आज़माया, लाख कोशिशें की इस परिचय को पाने की?   हम्म..?   ..आखिरकार हमारी जान-पहचान हो गई | पर ठीक उसी वक़्त छट गया,  पिघल गया वो कोहरा | पाएं जा सकते थे जो रुख़ नए - गुम गए, कोहरे की ही तरह... आज भी हम साथ चल रहें हैं, पर अब कोई प्रत्याशा नहीं, दिल में कोई हल...

राहें

  राहें   मूल मराठी काव्य: पद्मा गोळे(ले)      खोयी हुईं राहें भटकी हुईं राहें रायज सी राहें पहलीं थाम लेती है एक हाथ तो दूसरीं, दूसरा और कहती हैं तीसरीं खींचकर पाँव, 'बस अब यहीं पड़ जाव' |

तुमपर लिखी कविताएं

 तुमपर लिखी कविताएं   मूल मराठी काव्य: संदीप खरे     मेरा घर, तुम्हारा घर माना अलग अलग शहरों में दोनों अलग अलग देशों में बसे हैं | फिर भी नक़्शे में सही उन्हें जोड़नेवाली काल्पनिक रेखाएं खींची जा सकती है न? इन्हीं रेखाओं को मैं 'तुमपर लिखी कविताएं' कहता हूँ |

Why not read the tree firsthand?

 Originally written in Marathi by Vasant Abaji Dahake   To cut a tree To make logs To chop them into flakes To pulp, press and mould them into paper Upon which to write, or print Thereafter to read ... Why so much ado? Why not read the tree firsthand?

सातवां

  सातवां   मूल मराठी काव्य: वि. वा. शिरवाडकर 'कुसुमाग्रज'     चम्मच-धानी में सात चम्मच टंगे थें | एक रोज़ एक चम्मच न जाने कहाँ खो गया | बचे छहों के गलों से सहसा बेरोक सिसकी फूटी | "वो होती तो", सुबकते हुए वे बोलें, "वह न खोता" |  न जाने कैसे काबू खो कर मैॆ सातवां चम्मच बन गया, उसकी ख़ाली जगह ले कर   छहों की सिसकनों में शरीक हुआ और बुदबुदा गया: "सच कहा दोस्तों, वो होती तो मैं न खोता"|

Rendez-vous

Run through the hall - Off with the office call! - If the door is away, take the nearest wall. Run down the stairs, Run down the street, Listen to the silent night and to your heavy feet. Rush to the station, run! Catch a train, Let some gloomy faces, places run through your brain. Run out of battery, Make way through the crowd, In the face of this city Shout my name loud!

La première balade

<< Comme la lune est pleine, tu la vois, toi?>> il dit. <<Ooh! Fais attention mon ami,>>  il hèle le moto qui nous frôle. Je plonge ma tête dans le dos fort Rêves venté, j'en veux encore.