तुमपर लिखी कविताएं

 तुमपर लिखी कविताएं
 
मूल मराठी काव्य: संदीप खरे
 
 
मेरा घर, तुम्हारा घर
माना अलग अलग शहरों में
दोनों अलग अलग देशों में बसे हैं |

फिर भी
नक़्शे में सही
उन्हें जोड़नेवाली
काल्पनिक रेखाएं
खींची जा सकती है न?

इन्हीं रेखाओं को मैं
'तुमपर लिखी कविताएं' कहता हूँ |

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