गुज़ारिश Tuesday, July 02, 2024 * ईमेल-खाता बदल देने कि वजह से पुरानी पोस्ट फिर से प्रकाशित कर रही हूँ। * अब जो है सो 'असरार' हैदबा-गड़ा प्यार है ज़मीं तले हमारी गुमाँ के पत्थर सख़्तडर के बहुत भारीहटाने हैं - मदद चाहिए तुम्हारी - मुक्ता 'असरार' © मुक्ता असनीकर Comments
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