ये क्या हो रहा है

 * ईमेल-खाता बदल देने कि वजह से पुरानी पोस्ट फिर से प्रकाशित कर रही हूँ। *
 
 
ये क्या हो रहा है
फ़ित्रत से दीदार हो रहा है
तुम्हें चाहते-चाहते 

तकिये को गले लगाती हूँ तुम समझकर 
तो पैमाईश होती है:
'फुसफुसा है यहाँ..  
इधर रुई जम गई है...' 
सर रख-रख कर बनी हुई घाटी मानो तुम्हारी छाती हो
वो बीचों-बीच निगाहों की रवानी,
जब लेट जाती हो


कहती थी जिसे 'केरी की चादर' बचपन में, 
एक-एक धागा उस का रू-ब-रू होता है रात भर 
माथा सहलाती है
आँसू मेरे पी कर 
ख़ुद भारी हो जाती है, और सर्द भी। 
कैसे मनाऊँ इसे, बोलो?

टँगे हुए कपड़ों की इनायत माशा'अल्लाह! 
वक़्त-ब-वक़्त लिपटती हूँ उन से - 
तुम्हारी महक ढूँढती हूँ।
वे कुछ नहीं कहते 


गूगल पे किसी ने पूछा था:
"किसी की इतनी याद आए कि बर्दाश्त न हो तो क्या करें?" 
- आओ
बैठो
घुटना उठाकर
सीने से लगाओ।
इस अंधेर में 
ख़ुद-आगोश़ी 
कितनी आसाँ हो गई! 
भूला-सा घाव मिला चपनीपर
ख़ाल जिस की आज भी नाबालिग़ है। 
....लोम से गुजरी 
दूर तक मैं आ गई
छू गया साया कहीं, शरमा गई

ओ दिल-बर्दाश्ता! 
देखो अपनी बाहों को, 
चूम लो काँधों को
सुनों क्या कहते हैं:
'पहलू-नशिनीमें हम
उस मीना-ए-गर्दन को संभाला करते हैं' 


जब दर्द की साँझी बिखर जाए
तसव्वुर घिस जाए
ऐश-ए-बेताबी उतरने लगे
तब सकता छा जाता है भद्दा सा 

"क्या करूँ? आगे क्या लिखूँ? 
सपनों का जुगाड़ तो हो जाएगा पर
 ये 'आलम जो गुज़र चला है..?" 

दिल-ए-ख़स्ता, 
हो सके तो पड़े रहना इस कोए में
अधूरे... अशांत..... 
अछूते... अज्ञात..... 
झड़ न जाए सारे 
जब तक समय के पात।
- मुक्ता 'असरार'
 
© मुक्ता असनीकर
 
 
शब्दार्थ:
 फ़ित्रत = १} निसर्ग, प्रकृतिनियम, the workings of nature २} स्वभाव, disposition
दीदार =  दर्शन, (the act of) seeing
पैमाईश = मोजमाप, measurements, survey
रवानी = प्रवाह, flow
केरी = कैरी, green mango
रू-ब-रू = साक्षात् नजरेमसोर, face to face
सर्द = १} थंड, cold २} उदास, sad
इनायत = दयाळूपणा, kindness, favour
अंधेर = अंदाधुंद, अनागोंदी, catastrophic disorder
ख़ुद-आगोश़ी = स्वतःला कवेत घेणे, embracing oneself
चपनी = गुडघ्याची वाटी, kneecap
नाबालिग़ =  अजाण, कच्चा, immature
लोम = अंगावरची बारीक लव, soft body hair
दिल-बर्दाश्ता = खिन्न मन, a heart in despair
पहलू-नशिनी = मिठीत असण्याची अवस्था, the state of being in each other's arms
मीना-ए-गर्दन = मानेची सुरई, neck curved like a decanter of wine
साँझी = (फुलांची) रांगोळी, rangoli
तसव्वुर = कल्पनाचित्र, imagination
ऐश-ए-बेताबी = व्यकुळतेतील आनंद, the hidden pleasure of ardour
सकता = दीर्घ बेशुद्धावस्था, a state of prolonged unconsciousness
'आलम = १} मनोहर दृष्य, a beautiful sight २} जग, world ३} काळ, ऋतू, season
दिल-ए-ख़स्ता = थकलेलं, / आशाभंग झालेलं मन, a weary, crushed heart
कोआ = कोष, chrysalis

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